एक छोटे से गाँव में, जहाँ सूरजमुखी के फूल मुस्कुराते थे और बादलों की रुई जैसी शक्लें बातें करती थीं, ज़ूम ज़ूम ज़ुकिनी रहता था। ज़ूम ज़ूम कोई साधारण ज़ुकिनी नहीं था। वह बहुत तेज़ रफ़्तार से ज़ूम कर सकता था! उसके पास एक खास हुनर था, मानो उसके अंदर एक छोटा सा रॉकेट छुपा हो।
एक दिन, ज़ूम ज़ूम अपने प्यारे से बगीचे में ज़ूम कर रहा था, जहाँ रंग-बिरंगी सब्ज़ियाँ और फल खेलते थे। अचानक, उसने देखा कि आसमान में कुछ अजीब हो रहा है। इंद्रधनुष, जो हमेशा रंगों से भरा और खुशमिजाज दिखता था, आज फीका और उदास लग रहा था। उसके रंग धीरे-धीरे गायब हो रहे थे और वह बादलों के पीछे छिपने की कोशिश कर रहा था।
ज़ूम ज़ूम को इंद्रधनुष की उदासी देखकर अच्छा नहीं लगा। उसने सोचा, “मुझे इंद्रधनुष की मदद करनी चाहिए!” और बिना देर किए, वह ज़ूम करते हुए आसमान की ओर निकल पड़ा। वह बादलों के बीच से ज़ूम करता हुआ, तारों को छूता हुआ, इंद्रधनुष के पास पहुँचा।
“इंद्रधनुष भैया, क्या हुआ? आप इतने उदास क्यों हो?” ज़ूम ज़ूम ने पूछा।
इंद्रधनुष ने धीमी आवाज़ में कहा, “मेरे रंग खो गए हैं, ज़ूम ज़ूम। मुझे नहीं पता कहाँ चले गए। अब मैं पहले जैसा खूबसूरत नहीं रहा।”
ज़ूम ज़ूम ने सोचा, “रंग खो गए? यह तो कोई बड़ी समस्या नहीं है! हम उन्हें ढूँढ़ लेंगे!” उसने इंद्रधनुष से कहा, “चिंता मत करो, इंद्रधनुष भैया। मैं तुम्हारे रंग वापस लाऊंगा। तुम बस मुझे बताओ कि तुम्हारे रंग कैसे थे।”
इंद्रधनुष ने बताया कि उसके पास लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, आसमानी और बैंगनी रंग थे। ज़ूम ज़ूम ने अपनी छोटी सी ज़ुकिनी आँखें खोलीं और चारों ओर देखा। उसे एक विचार आया!
ज़ूम ज़ूम ज़मीन पर वापस ज़ूम किया और सीधा सूरजमुखी के फूलों के पास गया। उसने उनसे थोड़ा सा पीला रंग माँगा। सूरजमुखी के फूलों ने खुशी-खुशी उसे अपना चमकीला पीला रंग दे दिया। फिर वह नारंगी गाजरों के पास गया और उनसे नारंगी रंग लिया। टमाटरों से लाल, पत्तों से हरा, नीली घंटियों वाले फूलों से नीला, और जामुनी बैंगन से बैंगनी रंग इकट्ठा किया। उसने आसमान में उड़ते हुए बादलों से थोड़ा सा आसमानी रंग भी चुरा लिया!
जब ज़ूम ज़ूम के पास सारे रंग इकट्ठे हो गए, तो वह वापस इंद्रधनुष के पास ज़ूम किया। उसने प्यार से इंद्रधनुष पर एक-एक करके सारे रंग लगा दिए। लाल रंग, नारंगी रंग, पीला रंग, हरा रंग, नीला रंग, आसमानी रंग और बैंगनी रंग। धीरे-धीरे, इंद्रधनुष फिर से रंगों से भर गया! वह पहले से भी ज़्यादा चमकीला और खूबसूरत लग रहा था!
इंद्रधनुष खुशी से मुस्कुराया और ज़ूम ज़ूम को धन्यवाद दिया। इंद्रधनुष के रंग फिर से पूरी दुनिया में फैल गए, और सब कुछ फिर से खुशहाल और रंगीन हो गया। ज़ूम ज़ूम भी बहुत खुश था कि उसने इंद्रधनुष की मदद की। वह जानता था कि भले ही वह एक छोटी सी ज़ुकिनी है, वह भी बड़ी मदद कर सकती है। और उस रात, जब बच्चे सोने गए, तो उन्होंने आसमान में चमकते हुए इंद्रधनुष को देखा और मीठे सपने देखे। ज़ूम ज़ूम ज़ुकिनी ने सच में एक जादुई काम किया था।