The Riddle of the Rainbow River Runes

The Riddle of the Rainbow River Runes

हिमालय की गोद में बसे एक छोटे से गाँव में, एक अनोखी नदी बहती थी – इंद्रधनुषी नदी। इस नदी की ख़ासियत थी कि इसका पानी इंद्रधनुष के सभी रंगों से मिलकर बना था, और इसके किनारों पर रंगीन पत्थरों पर रहस्यमय अक्षर खुदे हुए थे – इन्हें ही इंद्रधनुषी नदी के रून कहा जाता था।

गाँव की एक नन्ही लड़की, मीरा, बहुत ही जिज्ञासु स्वभाव की थी। उसने अपनी दादी से हमेशा इन रूनों के बारे में कहानियाँ सुनी थीं, कि उनमें कोई जादुई रहस्य छुपा हुआ है। एक दिन, मीरा ने देखा कि इंद्रधनुषी नदी का रंग फीका पड़ रहा है। पहले जो रंग चटख और चमकीले थे, वे अब धुंधले और उदास लग रहे थे। मीरा को यह देखकर बहुत दुख हुआ। उसने सोचा, “मुझे इन रूनों का रहस्य जानना ही होगा, शायद तभी नदी का रंग वापस आ पाए।”

मीरा नदी किनारे एक बड़े पत्थर पर बैठ गई और रूनों को ध्यान से देखने लगी। उसने हर एक अक्षर को बारीकी से देखा, मानो वे उससे कुछ कहना चाहते हों। अचानक, उसे एक धीमी, मधुर आवाज़ सुनाई दी, “डरो मत, नन्ही बच्ची। मैं इस नदी की आत्मा हूँ।” मीरा थोड़ा चौंकी, पर डरने की बजाय उत्सुक हो गई। नदी की आत्मा ने कहा, “रूणों में एक पहेली छुपी है। अगर तुम उस पहेली को सुलझाओगी, तो नदी का खोया हुआ रंग वापस आ जाएगा।”

आत्मा ने रूनों के बारे में कुछ इशारे दिए, जैसे कि वे प्रकृति की भाषा में लिखे गए हों, और उन्हें समझने के लिए दिल से सुनना होगा। मीरा ने ध्यान से आसपास देखा। उसने हवा में सरसराहती पत्तियों की आवाज़ सुनी, पानी की कलकल और पक्षियों के चहचहाने की आवाज़ सुनी। उसे लगा जैसे प्रकृति उससे बातें कर रही है। फिर उसे याद आया, उसकी दादी माँ हमेशा कहती थीं कि इंद्रधनुष खुशी और उम्मीद का प्रतीक है। रूण शायद खुशी और उम्मीद की ही बात कर रहे हैं।

मीरा ने गाँव में जाकर अपने सभी दोस्तों को इंद्रधनुषी नदी की परेशानी के बारे में बताया। सब बच्चे मिलकर नदी किनारे आए। उन्होंने मिलकर गीत गाए, कहानियाँ सुनाईं, और खूब हँसे-खेले। उन्होंने रंगीन फूल नदी में तैराए और अपनी खुशियाँ बाँटीं। और जैसे ही गाँव में हंसी और खुशी की लहर दौड़ी, इंद्रधनुषी नदी फिर से चमक उठी! उसके रंग पहले से भी ज़्यादा चटख और सुंदर हो गए। रूणों का रहस्य यही था – खुशी और उम्मीद ही सबसे बड़ा जादू हैं। मीरा समझ गई कि असली जादू तो हमारे अपने भीतर ही होता है।

उस रात, मीरा ने तारों से भरे आसमान को देखा और मुस्कुराई। इंद्रधनुषी नदी की धीमी फुसफुसाहट हवा में घुल रही थी, मानो कह रही हो, “खुशी ही सबसे बड़ा जादू है, और यह हमेशा तुम्हारे साथ है।” मीरा शांति से सो गई, उसका दिल खुशी और कृतज्ञता से भरा हुआ था।

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