सूरज जब उल्टा जागा
एक छोटे से गाँव में, जिसका नाम था आनंदपुर, रोशन नाम का एक बच्चा रहता था। रोशन को हर सुबह जल्दी उठना पसंद था। वह हमेशा सूरज की पहली किरण देखने के लिए उत्सुक रहता था। एक दिन, जब रोशन जागा और खिड़की से बाहर देखा, तो वह हैरान रह गया। सूरज… उल्टा था!
हाँ, आपने सही सुना। आसमान में सूरज ऐसे लटका हुआ था जैसे किसी ने उसे पकड़कर पलट दिया हो। उसकी सुनहरी किरणें ऊपर की बजाय नीचे की ओर जा रही थीं, और पूरी दुनिया एक अनोखी, नरम रोशनी में नहा रही थी। रोशन ने अपनी दादी को बुलाया, जो हमेशा हर बात का जवाब जानती थीं।
दादी ने खिड़की से बाहर देखा और मुस्कुराईं। “अरे वाह!” उन्होंने कहा, “आज तो उल्टा-पुल्टा दिन है!”
रोशन ने पूछा, “उल्टा-पुल्टा दिन? ये क्या होता है?”
दादी ने समझाया, “आनंदपुर में कभी-कभी ऐसे दिन आते हैं जब सब कुछ थोड़ा उलट जाता है। सूरज उल्टा जागता है, पक्षी ज़मीन के पास उड़ते हैं, और नदियाँ थोड़ी देर के लिए उल्टी बहती हैं!” उन्होंने हँसते हुए कहा, “लेकिन डरने की कोई बात नहीं है, यह सब मज़ा है!”
रोशन और दादी बाहर निकले। उन्होंने देखा कि चिड़ियाँ ज़मीन के पास फुदक रही हैं, जैसे फूल हों। पेड़ थोड़े झुके हुए लग रहे थे, जैसे ज़मीन को छूना चाहते हों। और सबसे मजेदार बात, रोशन की परछाई ऊपर की ओर इशारा कर रही थी!
दादी ने रोशन से कहा, “चलो आज हम भी उल्टा-पुल्टा काम करते हैं!” उन्होंने सुबह का नाश्ता शाम को खाया और रात का खाना सुबह। उन्होंने कहानियाँ उल्टी दिशा में पढ़ीं और उल्टे होकर चलने की कोशिश भी की, जिसमें बहुत हंसी आई।
पूरा दिन आनंदपुर में उल्टा-पुल्टा रहा। लोग हँसे, खेले, और इस अनोखे दिन का मज़ा लिया। किसी को डर नहीं लगा, क्योंकि सबको पता था कि यह बस एक छोटा सा जादू है, जो आनंदपुर को और भी खास बनाता है।
जैसे-जैसे शाम हुई, उल्टा सूरज धीरे-धीरे सीधा होने लगा। उसकी किरणें फिर से ऊपर की ओर जाने लगीं, और आसमान पहले जैसा सुनहरा हो गया। रोशन और दादी घर के बाहर बैठे थे, उल्टा-पुल्टा दिन की यादों में खोए हुए।
रोशन ने दादी से पूछा, “दादी, उल्टा-पुल्टा दिन फिर कब आएगा?”
दादी ने मुस्कुराकर कहा, “कौन जाने, रोशन? आनंदपुर में जादू कभी भी हो सकता है। बस हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए और हर चीज़ में खुशी ढूंढनी चाहिए, चाहे वह सीधी हो या उल्टी।”
और फिर, रोशन अपनी दादी के गोद में सिर रखकर सो गया, उल्टा-पुल्टा दिन के मीठे सपनों में खो गया। उसे पता था कि आनंदपुर दुनिया का सबसे जादुई गाँव है, जहाँ हर दिन एक नया रोमांच लेकर आता है।