The Night the Stars Wore Silly Socks

The Night the Stars Wore Silly Socks

आकाशगंगा के उस पार, जहाँ सपने तारों की धूल की तरह चमकते हैं, एक अनोखी रात आई। यह वह रात थी जब तारों ने मोज़े पहने थे! हाँ, आपने सही सुना। छोटे, चमकीले तारों ने, जो हमेशा रात के आकाश में टिमटिमाते रहते हैं, आज रंग-बिरंगे, ऊनी मोज़े पहनने का फैसला किया।

चाँद दादा मुस्कुरा रहे थे, जैसे उन्होंने पहले कभी इतनी मजेदार चीज़ नहीं देखी हो। उन्होंने अपनी नरम, चांदी जैसी रोशनी से नीचे देखा और देखा कि हर तारा एक अलग तरह का मोजा पहने हुए है। एक तारे ने धारीदार लाल और सफेद मोज़ा पहना था, जैसे कि वह एक छोटा सा कैंडी का डिब्बा हो। दूसरे ने पीले रंग का मोज़ा पहना था जिस पर नीले रंग के चाँद बने हुए थे। एक और तारे ने तो एक मोज़ा पहना था जिस पर छोटे-छोटे इंद्रधनुष बने हुए थे!

सबसे शरारती तारा, जिसका नाम चमकी था, उसने दो अलग-अलग मोज़े पहने थे – एक हरा और एक नारंगी। वह अपनी मस्ती में ऊपर-नीचे कूद रहा था, और उसके मोज़े हवा में लहरा रहे थे। शांत और धीमी रोशनी वाले तारे, जिनका नाम शीतल था, ने एक नरम, हल्का गुलाबी मोज़ा पहना था, जो बादलों जैसा दिखता था। वह धीरे-धीरे टिमटिमा रही थी, जैसे कि वह एक मधुर लोरी गा रही हो।

एक छोटा सा तारा, जिसका नाम नन्हा था, थोड़ा शर्मा रहा था। उसने एक भूरे रंग का मोज़ा पहना था, जो थोड़ा सा बड़ा था, और वह उसे बार-बार ऊपर खींच रहा था। बड़े तारे, जिनका नाम बड़ा भैया था, ने उसे देखा और मुस्कुराए। उन्होंने नन्हे को अपने पास बुलाया और कहा, “नन्हे, मोज़े पहनने में शर्माने की कोई बात नहीं है! यह तो बहुत मजेदार है!”

बड़े भैया ने खुद एक बड़ा, नीला मोज़ा पहना था जिस पर सफेद तारे बने हुए थे। उन्होंने नन्हे को अपना हाथ दिया और कहा, “देखो, हम सब मोज़े पहने हुए हैं! आज रात हम सब मिलकर मोज़े पार्टी करेंगे!”

और फिर, तारों ने सचमुच एक मोज़े पार्टी की। वे रात भर टिमटिमाते रहे और चमकते रहे, अपने रंग-बिरंगे मोज़ों को दिखाते रहे। उन्होंने धीमी-धीमी हवा में मोज़ों को लहराया और एक-दूसरे को देखकर धीरे-धीरे हँसे। पूरी आकाशगंगा तारों की हल्की हँसी और मोज़ों की नरम सरसराहट से गूंज रही थी।

चाँद दादा ने धीरे से अपनी रोशनी और तेज़ की, जैसे कि वह तारों की मोज़े पार्टी को और भी रोशन करना चाहते हों। धरती पर, बच्चे अपनी खिड़कियों से ऊपर देख रहे थे, तारों की इस अनोखी चमक को देखकर हैरान थे। उन्हें नहीं पता था कि आज रात तारे मोज़े पहने हुए हैं, लेकिन उन्हें यह ज़रूर लग रहा था कि कुछ बहुत ही खास और मजेदार हो रहा है।

जब सुबह हुई और सूरज की पहली किरणें आकाश में फैलीं, तो तारे धीरे-धीरे अपनी चमक कम करने लगे। उन्होंने अपने मोज़े उतार दिए और उन्हें बादलों के नरम बिस्तर पर रख दिया, ताकि वे अगली मोज़े पार्टी के लिए तैयार रहें। और फिर, वे सभी धीरे-धीरे सो गए, सपनों में अपने रंग-बिरंगे मोज़ों और मजेदार रात को याद करते हुए। अगली बार जब आप रात को आकाश में तारों को देखें, तो याद रखिएगा, हो सकता है कि वे चुपके से अपने मोज़े पहने हुए हों, और आपको देखकर मुस्कुरा रहे हों। शुभ रात्रि!

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